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कितनी डिग्री पर चलाएं गीजर? बिजली बचाने में कर बैठते हैं ये गलती (At what degree should the geyser be operated? People make these mistakes to save electricity)

कितनी डिग्री पर चलाएं गीजर? बिजली बचाने में कर बैठते हैं ये गलती (At what degree should the geyser be operated? People make these mistakes to save electricity)

कितनी डिग्री पर चलाएं गीजर? बिजली बचाने में कर बैठते हैं ये गलती (At what degree should the geyser be operated? People make these mistakes to save electricity)

सर्दी बढ़ने के साथ टंकी का पानी ठंडा हो जाता है, जिससे नहाना मुश्किल होता है. ऐसे में गीजर का इस्तेमाल जरूरी है. हालांकि, बिजली की बढ़ती कीमतों के कारण लोग गीजर का टेंपरेचर कम करते हैं. इससे बिजली की बचत होगी. यह सच नहीं है. बिजली बचाने के चक्कर में गीजर का पानी संकट में डाल सकता है. 
As winter progresses, the water in the tank becomes cold, making bathing difficult. In such a situation, use of geyser is necessary. However, due to rising electricity prices, people reduce the temperature of the geyser. This will save electricity. it is not true. In order to save electricity, geyser water can put you in trouble.

बीमारियां :-सर्दियों में गीजर का पानी अक्सर ठंडा होता है. ऐसे में लोग बिजली बचाने के लिए गीजर का तापमान कम करते हैं. लेकिन, यह खतरनाक होता है. गीजर का पानी गर्म के कारण बैक्टीरिया और वायरस का खतरा बढ़ता है. इन बैक्टीरिया और वायरस से कई तरह की बीमारियां होती हैं. गीजर के पानी में एक विशेष प्रकार का बैक्टीरिया है, जिसे लेगियोनेला कहा है. यह बैक्टीरिया सर्दी में गीजर के पानी में पनपता है. अगर गीजर का पानी 50 डिग्री सेल्सियस से कम हो तो यह बैक्टीरिया तेजी से बढ़ता है.
Diseases:-Geyser water is often cold in winter. In such a situation, people reduce the temperature of the geyser to save electricity. But, it is dangerous. Due to hot geyser water, the risk of bacteria and viruses increases. These bacteria and viruses cause many types of diseases. There is a special type of bacteria in the geyser water, which is called Legionella. This bacteria grows in geyser water in winter. If the geyser water is less than 50 degrees Celsius then this bacteria grows rapidly.

अभियान :-2000 दशक शुरुआत में कनाडा में लेगियोनेला में वृद्धि हुई. इस बीमारी से कई की मौत भी हो गई. इसको देखते हुए, कनाडा सरकार ने ‘सेफ किड्स कनाडा अभियान’ शुरू किया. इस अभियान का मकसद घरों में इस्तेमाल पानी का तापमान कम न कर के प्रति जागरूक करना था. अभियान अनुसार, घरों में गीजर वाटर का तापमान 49 से 60 डिग्री के बीच हो. इससे लेगियोनेला बैक्टीरिया पनपने से रोका जा सकता है.
Campaign: Legionella increased in Canada in the early 2000s. Many also died due to this disease. In view of this, the Government of Canada started the 'Safe Kids Canada Campaign'. The aim of this campaign was to create awareness about not reducing the temperature of water used in homes. According to the campaign, the temperature of geyser water in homes should be between 49 to 60 degrees. This can prevent the growth of Legionella bacteria.

डिग्री है बेस्ट :-गीजर का तापमान एक सवाल है. सर्दियों में गीजर का तापमान 60 से 65 डिग्री पर होना चाहिए. इससे लेगियोनेला बैक्टीरिया पनपने से रोका जाता है. गर्मियों में गीजर का तापमान 50 से 55 डिग्री पर रखते हैं. लेकिन, 70-75 डिग्री से ज्यादा पर गीजर नहीं चलाना चाहिए. इससे गीजर के टैंक और पाइपों को नुकसान होता है.
Degree is best:-The temperature of the geyser is a question. The temperature of the geyser should be 60 to 65 degrees in winter. This prevents Legionella bacteria from growing. In summer the temperature of the geyser is kept at 50 to 55 degrees. But, the geyser should not be operated at more than 70-75 degrees. This causes damage to the geyser tank and pipes.

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