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2024 में एआई में बदलाव, बदल जाएगी जिंदगी (Changes in AI in 2024, life will change)

2024 में एआई में बदलाव, बदल जाएगी जिंदगी (Changes in AI in 2024, life will change)

2024 में एआई में बदलाव, बदल जाएगी जिंदगी (Changes in AI in 2024, life will change)
2023 में एआई का बोलबाला रहा. पहले जीपीटी चैट और फिर बार्ड जैसे एआई चर्चा में रहे. एआई के बाद कई प्रोफेशनल्स को लगा कि जॉब को खतरा होगा. कईयों ने चिंताएं दिखाईं. लेकिन एआई ने काम को आसान का काम किया. 2023 के बाद 2024 में एआई में बदलाव होने वाले हैं, जो जिंदगी बदल देंगे. जानते हैं डिटेल्स...
AI will dominate in 2023. First GPT Chat and then AI like Bard were in discussion. After AI, many professionals felt that their jobs would be in danger. Many showed concerns. But AI made the work easier. After 2023, there are going to be changes in AI in 2024, which will change life. Know the details...

 जेनरेटिव एआई :-जेनरेटिव एआई (जेन-एआई) एक प्रकार का कृत्रिम बुद्धिमत्ता है जो नए डेटा को उत्पन्न में सक्षम है. इसे टेक्स्ट, कोडिंग, गाने, स्क्रिप्ट और ईमेल बनाने के लिए इस्तेमाल होता है.
Generative AI:-Generative AI (Gen-AI) is a type of artificial intelligence that is capable of generating new data. It is used for creating text, coding, songs, scripts and emails.

 ओपन सोर्स एआई-मॉडल :-ओपन सोर्स एआई ऐसी तकनीक है जो दुनिया भर के लोगों को एक साथ काम कर एआई मॉडल विकसित करने की अनुमति है. ये मॉडल हजारों दिमागों के योगदान से मिलते हैं, जिससे वे शक्तिशाली और कुशल हैं. रिसर्च फर्म फोरेस्टर का अनुमान है कि इस साल के अंत तक 85% कंपनियां ओपन सोर्स एआई का उपयोग होंगी. एक तेजी से बढ़ती तकनीक है जो जीवन कई तरह से प्रभावित कर सकती है.
Open Source AI-Models:-Open Source AI is a technology that allows people from all over the world to work together to develop AI models. These models come from the contributions of thousands of minds, making them powerful and efficient. Research firm Forrester estimates that 85% of companies will be using open source AI by the end of this year. It is a rapidly growing technology that can impact lives in many ways.

 एआई रिस्क हलूसिनेशन :-जब जनरेटिव एआई गलत आउटपुट उत्पन्न करता है, तो इसे हलुसिनेशन कहा है. हलुसिनेशन के कई संभावित कारण हैं, जैसे कि गलत डेटा से प्रशिक्षित एआई मॉडल, या एआई मॉडल में गड़बड़ी. हलुसिनेशन से कई तरह की समस्याएं होती हैं, जैसे कि वित्तीय नुकसान, कानूनी समस्याएं और यहां तक कि शारीरिक चोट भी.
AI Risk Hallucination:-When generative AI produces wrong output, it is called hallucination. There are several possible causes of hallucinations, such as an AI model trained with incorrect data, or a glitch in the AI ​​model. Hallucinations can lead to many problems, such as financial losses, legal problems and even physical injuries.

 एआई आधारित पर्सनलाइज्ड एप्स :-एआई आधारित पर्सनलाइज्ड एप्स तकनीक है जो एआई का उपयोग के लिए व्यक्तिगत अनुभव प्रदान है. विभिन्न प्रकार के एप्स में किया जा सकता है, जैसे कि समाचार, सोशल मीडिया, और ई-कॉमर्स. गार्टनर के अनुसार, 2026 तक, हर तीन में से एक ऐप एआई का उपयोग करेगा ताकि पर्सनलाइज्ड यूजर इंटरफेस दिया जा सके. मैकिन्से मुताबिक, कंपनी का रेवेन्यू 40% तक बढ़ेगा.
AI based personalized apps:-AI based personalized apps are technology that uses AI to provide personalized experience. This can be done in a variety of apps, such as news, social media, and e-commerce. According to Gartner, by 2026, one in three apps will use AI to deliver personalized user interfaces. According to McKinsey, the company's revenue will increase by 40%.

 एआई कोडिंग :-2023 में एआई कोडिंग टूल्स का इस्तेमाल कम हुआ है. कारण यह है कि इन टूल्स को अभी विकसित है और वे अभी शुरुआती चरण में हैं. गार्टनर रिपोर्ट अनुसार, 2028 तक, 75% इंजीनियर एआई टूल्स (जैसे की, डीप कोड, टैब नाइन) की मदद से कोड लिखेंगे.
AI Coding:-The use of AI coding tools has decreased in 2023. The reason is that these tools are still being developed and they are still in their early stages. According to Gartner report, by 2028, 75% of engineers will write code with the help of AI tools (e.g., Deep Code, Tab Nine).

एआई-पावर्ड सर्च :-एआई ऑनलाइन सर्च को बेहतर बनाने में मदद है. यह ब्राउजिंग डिस्ट्री और अन्य डेटा के आधार पर समझता है कि हम क्या खोजते हैं. हमें अधिक प्रासंगिक और सहायक परिणाम मिल सकते हैं.
AI-Powered Search:-AI helps in improving online search. It understands what we search based on browsing history and other data. This can give us more relevant and helpful results.

 कस्टमर सर्विस एआई :-सॉफ्टवेयर कंपनी इंटरकॉम की रिपोर्ट अनुसार, 69% कंपनियां एआई में निवेश करने की योजना हैं. वहीं 73% का मानना है कि 5 सालों में कस्टमर ग्राहक सेवा में एआई उम्मीद करेंगे.
Customer Service AI: According to the report of software company Intercom, 69% companies plan to invest in AI. And 73% believe that customers will expect AI in customer service in 5 years.

क्वांटम-एआई :-क्वांटम कंप्यूटिंग और एआई एक साथ मिलकर एक नई और शक्तिशाली तकनीक का निर्माण हैं, जिसे क्वांटम एआई कहा है. क्वांटम कंप्यूटर अद्वितीय गुणों के कारण एआई मॉडल को तेजी से प्रशिक्षित और बेहतर हैं.
Quantum-AI:-Quantum computing and AI together form a new and powerful technology, which is called Quantum AI. Quantum computers allow AI models to be trained and improved faster due to unique properties.

एआई-ट्रिज्म :-एआई-ट्रिज्म एक फ्रेमवर्क है जो कंपनियों को एआई मॉडल बनाने और इस्तेमाल के दौरान वाले खतरों से निपटने में मदद करता है. यह फर्जी डेटा हटाने में इस्तेमाल किया जाता है.
AI-Trism:-AI-Trism is a framework that helps companies deal with the risks during building and using AI models. It is used to remove fake data.

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